करवीर व्रत 2018
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भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा को देव स्थान में जाकर ‘कनेर’ के वृक्ष का पूजन करना चाहिए। करवीर अर्थात कनेर और इसीलिए इसे करवीर व्रत कहा जाता है। उसे मूल, शाखाओं व उपशाखाओं सहित स्नान कराकर लाल वस्त्र ओढ़ाना चाहिए तथा नैवेद्य, गन्ध, पुष्प, धूप-दीपादि से पूजन करना चाहिए। उसके समीप ही सप्तधान्य रखकर उस पर केले, नारंगी, बिजौरा और गुणक आदि स्थापित करें तथा निम्न मंत्र :-
करवीर विषावास नमस्ते भानुवल्लभ।
मौलिमण्डन दुर्गादिदेवानां सततं प्रिय।।
‘आकृष्णेन रजसा वर्तमानो‘ बोलकर अथवा प्रार्थना करके पूजा सामग्री ब्राह्मण को दे दें, फिर घर आकर व्रत करें। यह व्रत सूर्य की आराधना का है जो आपदग्रस्त स्त्रियों को तत्काल फल देता है। प्राचीनकाल में सावित्री, सरस्वती, सत्यभामा (जानिये कैसे तोडा हनुमान जी ने सत्यभामा का अभिमान) और दमयन्ती आदि ने इसी व्रत से अभीष्ट फल प्राप्त किया था। इस वर्ष करवीर व्रत 14 जून 2018 को है।
पार्वती पूजा 2018
निर्णयामृत के अनुसार पार्वतीजी का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया को हुआ था। अतः स्त्रियों को चाहिए कि अपने सुख व सौभाग्य की वृद्धि के लिए इस दिन श्रद्धा व भक्ति-भाव से उनका पूजन करें। तरह-तरह के फल, पुष्प और नैवेद्य आदि अर्पण करके गायन, वादन और नृत्य के साथ उनका जन्मोत्सव मनाएं। पार्वती पूजा इस वर्ष 03 मई 2018 को मनाई जाएगी।
शिव पूजा 2018
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल या कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शिव का और केवल शुक्लाष्टमी को शुक्लादेवी का यथाविधि पूजन करें। शुक्लादेवी ने जब दानवों का संहार किया, तब हर्षित होकर देवताओं ने उनका पूजन किया था। अतः आपत्तियों की निवृत्ति के लिए मनुष्यों को भी यह पूजन करना चाहिए।
उमा ब्राह्मणी व्रत 2018
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को उपवास करके ब्राह्मणी नामक श्वेतवर्णा पार्वती जी का पूजन भक्तिपूर्वक करना चाहिए तथा ब्राह्मण एवं उसकी कन्या को रात्रि में दूध-भात का भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए। यह व्रत अति शुभ फलदायी है। उमा ब्राह्मणी व्रत 09 मई 2018 को है।
स्रोत्र: व्रत, पर्व और त्यौहार – राजेश शर्मा